निर्भया की मां आशा देवी ने किसी भी दल में शामिल होने से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि मेरा किसी भी राजनीतिक दल में जाने का कोई इरादा नहीं है। साथ ही कहा कि उनकी किसी भी दल से कोई बात भी नहीं हुई है। बता दें कि कीर्ति आजाद ने एक ट्वीट के रीट्वीट करते हुए कहा था कि ऐ मां तुझे सलाम, आशा देवी जी आपका स्वागत है।
कीर्ति आजाद के इस ट्वीट के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि निर्भया की मां कांग्रेस में शामिल हो सकती हैं। वहीं जिस यूजर के ट्वीट को कीर्ति ने रीट्वीट किया था उन्होंने लिखा था कि निर्भया की मां आशा देवी नई दिल्ली से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस की उम्मीदवार हो सकती हैं।
निर्भया की मां ने कहा कि वह सिर्फ अपनी बेटी निर्भया के लिए लड़ रही हैं और आगे भी लड़ती रहेंगी। वहीं निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में फांसी की तारीख आने के बाद भी दोषियों की लेटलतीफी और नियम-कानून के चलते दोषियों की फांसी में देरी होती दिख रही है उससे निर्भया की मां काफी परेशान हैं। शुक्रवार को तो वह एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में फूट-फूटकर रोने लगीं। इस मामले में जिस तरह गुरुवार को भाजपा और आम आदमी पार्टी ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए उससे निर्भया की मां आशा देवी बहुत आहत हैं।
उन्होंने कहा कि इतने साल तक मैं राजनीति पर कभी नहीं बोली लेकिन आज कहती हूं कि जिस तरह मेरी बच्ची की मौत पर राजनीति हो रही है वह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि अब मैं जरूर कहना चाहूंगी कि जब 2012 में घटना हुई तब इन्हीं लोगों ने हाथ में तिरंगा लिया और काली पट्टी बांधी, खूब रैलियां कीं, खूब नारे लगाए। लेकिन आज यही लोग उस बच्ची की मौत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कोई कह रहा आप ने रोक दिया, कोई कह रहा है मुझे पुलिस दे दीजिए दो दिन में रोक के दिखाऊंगा।
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