दिल्ली उच्च न्यायालय ने फिल्म ‘गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल’ की स्ट्रीमिंग पर स्थगन आदेश देने से इनकार कर दिया। फिल्म में जान्हवी कपूर और पंकज त्रिपाठी हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर दिखाई जा रही हैं।
केंद्र सरकार और भारतीय वायु सेना द्वारा दायर एक याचिका में यह दावा किया गया था कि फिल्म आईएएफ को खराब तरह से दिखा रही है।
न्यायमूर्ति राजीव शकधर की अध्यक्षता वाली एकल-न्यायाधीश पीठ ने कहा, “आपको (केंद्र) फिल्म के रिलीज होने के समय अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा था। मैं आपकी चिंता को समझता हूं, लेकिन इस अवस्था में निषेधाज्ञा नहीं दी जा सकती क्योंकि फिल्म पहले ही रिलीज़ हो चुकी है ।
पीठ ने फिल्म निर्माता करण जौहर, फिल्म के सह-निर्माता, उनके बैनर धर्मा प्रोडक्शंस, डिजिटल प्लेटफॉर्म, और फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना को भी नोटिस दिया। रक्षा मंत्रालय द्वारा दायर याचिका में प्रतिवादियों को प्रसारण, टेलीकास्टिंग, और सिनेमाघरों और / या किसी अन्य डिजिटल / ओटीटी मंच पर या किसी भी तरीके से किसी भी तरह से रिलीज करने के लिए एक स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की गई थी। फिल्म ‘गुंजन सक्सेना: कारगिल गर्ल `सार्वजनिक क्षेत्र में, निजी तौर पर या किसी भी तरह से, वादी (आईएएफ) को एनओसी दिए बिना फिल्म रिलीज़ न होने दी जाये ।
भारतीय वायु सेना ने लैंगिक समानता में विश्वास किया है और अपने सभी अधिकारियों के लिए हमेशा एक स्वस्थ माहौल में काम करना सुनिश्चित किया है, चाहे वो लिंग, जाति, क्षेत्र, धर्म आदि का मामला हो। “याचिका में कहा गया है कि भारतीय वायुसेना ने हमेशा मेधावी अधिकारी को भी समान अवसर प्रदान किए हैं।
28 अगस्त को जस्टिस प्रतीक जालान व मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने कहा, “हम संबंधित प्राधिकारी को कानून, नियमों, विनियमों और सरकारी नीतियों के अनुसार याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व तय करने का निर्देश देते हैं।” ।
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